छत्तीसगढ़ सरकार के परसा ब्लॉक में खनन की अनुमति देने के बाद से ही स्थानीय लोग लगातार इस मुद्दे को लेकर आवाज उठा रहे है. कोयला खनन को लेकर हसदेव में लाखों पेड़ काटे जाने का प्रोजेक्ट पास कर दिया गया है. इस पूरे प्रोजेक्ट को अदानी और राजस्थान की एक कंपनी को सौंपा गया है. इस मामले को लेकर कई लोग लगातार आवाज बुलंद कर रहे. एक्टिविस्ट आलोक शुक्ला भी उन्ही में से एक है जो छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन में भी सक्रिय थे. एच डब्लू न्यूज की टीम ने आलोक शुक्ला से बात की और जाना की आखिर कार "हसदेव अरण्य आंदोलन" क्या है? साथ ही ये भी जाना की हसदेव के कट जाने से पर्यावरण पर क्या असर होगा.
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